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अखिलेश यादव ने विगत विधानसभा चुनावों के दौरान छात्रों को टैबलेट और लेपटोप देने की जबरदस्त
घोषणा की थी और सत्ता में आने के बाद इस घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए काम भी शुरु किया. मगर अभी तक किसी को टैबलेट या लेपटोप तो नहीं मिला मगर दो किशोरों द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एसएमएस भेजकर लैपटॉप और टैबलेट का तगादा करना भारी पड़ गया.

सर्विलांस के जरिए उनका पता लगाकर एसटीएफ ने बुधवार को उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि पुलिस लाइंस में उनसे थोड़ी देर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन जब तक वे एसटीएफ की गिरफ्त में रहे, परिजनों की सांसें अटकी रहीं.
सूत्रों के मुताबिक जिन ग्यारहवीं के छात्रों ने मुख्यमंत्री को एसएमएस भेजकर लैपटॉप देने की याद दिलाई थी, वे चिलौना गांव के रहने वाले हैं. सीएम को एसएमएस भेजने से पहले उन्होंने एक शिक्षक से लैपटॉप और टैबलेट मिलने के बारे में पूछताछ भी की थी मगर जब शिक्षक उन्हें इस बात की सही जानकारी नहीं दे पाया तो उन्होंने कहीं से मुख्यमंत्री का मोबाइल नंबर जुगाड़ कर सीधे अखिलेश यादव को एसएमएस भेजकर अपनी बात उन तक पहुंचाई.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने सीएम को फोन कर दिया और लैपटॉप के साथ साथ बिजली आदि के बारे में भी उल्टी सीधी बातें पूछ लीं. फिर क्या था, आ गयी इन किशोरों की शामत. इसके बाद उनका नंबर सर्विलांस पर लगा दिया गया और उनका पता लगते ही लखनऊ एसटीएफ ने दोनों किशोरों को धर लिया.
पूछताछ में पकडे़ गए किशोरों ने बचपने में मैसेज और फोन करने की बात स्वीकार कर ली. एसपी रामपाल से जब इस घटना के बावत पूछा गया तो उन्होंने कुछ बताने से इन्कार कर दिया. एसटीएफ ने पूछताछ के बाद दोनों छात्रों को छोड़ दिया.
पूछताछ में पकडे़ गए किशोरों ने बचपने में मैसेज और फोन करने की बात स्वीकार कर ली. एसपी रामपाल से जब इस घटना के बावत पूछा गया तो उन्होंने कुछ बताने से इन्कार कर दिया. एसटीएफ ने पूछताछ के बाद दोनों छात्रों को छोड़ दिया.
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Mr. Akhilesh yadav is giving laptops to those student who had taken admission in any college or university this year but what about those student who had dropped this year and did not take admission in any college and preparing for entrance of I.I.T or A.I.E.E.E. or for somewhere els.
किसानो को ठगती सरकारें….
nice
i am ranjeet kumar village bhamai viltigarh firozabad
akhilesh ji ko yesa nahi karna chahiye tha , unhe khud milkar……..
वादे सिर्फ वादे होते है………..पर यार पब्लिक तो सीरियस हो जाती है………..
Aisa hi congress gujarat me kar rahi hai…Ghar dila ne ke form bharva rahi hai….
laptop ka loolipop…
इसमें एस टी एफ से उठवाने वाली कौन सी बात थी? अगर वाकई में अच्छा नेता बनना था तो उन्हें मिलने के लिए बुलवाना था कम से कम पुलिस तो नही भेजनी थी.
kya अभी तक उप के स्टुडेंट को लैपटॉप नहीं मिला
bese unhone kuch galat nahi kiya kisi ko bada yaad dilana koi gunah nahi he.